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Indore: ट्री हाउस में संगठन चलाने वाले सौरभ के खातों में मिला लाखों का लेनदेन, विदेश यात्रा भी की

सौरभ के खातों में मिला लाखों का लेनदेन, विदेश यात्रा भी की

Indore:

ट्री हाउस में संगठन चलाने वाले सौरभ के खातों में मिला लाखों का लेनदेन, विदेश यात्रा भी की.

पुलिस को यह भी पता चला है कि सौरभ बनर्जी ने सात साल पहले हांगकांग की यात्रा भी की थी। उसके पास एक कार, आईपैड, महंगे मोबाइल है। पुलिस ने उसके आपराधिक रिकार्ड की जानकारी जुटाई है। उस पर दिल्ली में वर्ष 2010 में धोखाधड़ी का केस दर्ज हो चुका है।

 

देवास जिले के शुक्रवासा ग्रामीण क्षेत्र में ट्री हाउस में हाउल क्लब चलाने वाला सौरभ बैनर्जी फिलहाल पुलिस गिरफ्त में है। देवास पुलिस ने उससे पूछताछ की और उनकी जन्मकुंडली खंगाली। उसके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। पुलिस को पता चला है कि सौरभ खुद को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रिश्तेदार बताता है और ग्रामीणों और आदिवासियों पर प्रभाव जमाता है।

सौरभ के चार बैंकों में अकाउंट की जानकारी मिली है। पंजाब नेशनल बैंक के खाते में जून 2024 से जुलाई 2025 तक प्रतिमाह एक से डेढ़ लाख रुपये आने की जानकारी भी मिली है। आदिवासी दिवस के पूर्व 8 अगस्त लगभग ढाई लाख रुपये इसके अकाउंट में क्रेडिट हुए है। सौरभ, इंदौर में दो मकानों का किराया भी देता है। उसकी पत्नी  इंदौर में रहती है और दो बच्चे भी है। दूसरे मकान में मां अलग रहती है। सौरभ उनसे अलग रहता है। सौरभ के संगठन में शामिल एक युवती के परिजनों ने आरोप लगया कि वह ट्री हाउस में एक अन्य युवती के साथ लिव इन में रहता है।

पुलिस को यह भी पता चला है कि सौरभ बनर्जी ने सात साल पहले हांगकांग की यात्रा भी की थी। उसके पास एक कार, आईपैड, महंगे मोबाइल है। पुलिस ने उसके आपराधिक रिकार्ड की जानकारी जुटाई है। उस पर दिल्ली में वर्ष 2010 में धोखाधड़ी का केस दर्ज हो चुका है। सौरभ के संगठन का एनजीअेा के रुप में कोई पंजीकरण नहीं  मिला।

बगैर पंजीयन के क्लिनिक का संचालन

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ट्री हाउस में जाकर पड़ताल की। वहां एक्सपायरी डेट की दवाईयां मिली और कुछ प्रतिबंधित इंजेक्शन भी दल को मिले है। सौरभ का संगठन क्लिनिक संचालित करता था  और इंदौर के डाॅक्टरों के साथ वर्चुअली क्लिनिक में ग्रामीणों का जुड़वा कर इलाज करने की सुविधा देता था। उसका पंजीयन भी स्वास्थ्य विभाग में कराया नहीं गया था। ट्री हाउस में एक आटा चक्की भी मिली। ग्रामीणों को वहां मुफ्त में गेंहू पीस कर दिया जाता था।

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