मैहर की देवरी पंचायत में भ्रष्टाचार की बू—पंच जितेंद्र जायसवाल का फूटा गुस्सा,
CM हेल्पलाइन पर दबाव डाल बंद करवाई जा रही शिकायतें!*

*मैहर की देवरी पंचायत में भ्रष्टाचार की बू—पंच जितेंद्र जायसवाल का फूटा गुस्सा, CM हेल्पलाइन पर दबाव डाल बंद करवाई जा रही शिकायतें!*
मैहर ब्लॉक की देवरी ग्राम पंचायत एक बार फिर चर्चाओं में है—लेकिन इस बार वजह है गांव के ही पंच जितेंद्र जायसवाल के तीखे आरोप, जो सीधे-सीधे पूरे पंचायती राज तंत्र की सड़ांध को उजागर करते हैं। पंच का कहना है कि *पंचायत कभी नहीं खुलती, विकास कार्यों में हुए खर्च की पारदर्शी जानकारी नहीं दी जाती*, और जो निर्माण कार्य धरातल पर हुए हैं, उनमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है।
*सबसे गंभीर आरोप है CM हेल्पलाइन में दर्ज कराई गई शिकायतों को बंद करवाने का दबाव* —पंच के अनुसार यह दबाव *पीसीओ अशोक शर्मा* द्वारा डाला गया, ताकि सच को उजागर होने से पहले ही दबाया जा सके। जायसवाल का कहना है कि *जहां निर्माण कार्य घटिया हुए हैं, वहां भी कागजों में उच्च गुणवत्ता का बताकर मनमाफिक बिल पास करवाए जा रहे हैं,* वहीं घटिया निर्माण को जिला पंचायत की *प्रयोगशाला से ऊँच गुणवत्ता वाली रिपोर्ट* मिल रही है—जो यह साबित करने के लिए काफी है कि *प्रक्रिया नहीं, बल्कि मिलीभगत शासन कर रही है।* अब सवाल उठता है— *क्या मैहर की कलेक्टर ग्रामीण क्षेत्रों की वास्तविकता देख सकेंगी या फिर जनपद कार्यालय की “भ्रष्टाचार संरक्षण मंडली” के झूठे आंकड़ों के जाल में ही उलझी रहेंगी?* जितेंद्र जायसवाल का ये बयान न सिर्फ प्रशासनिक सिस्टम की पोल खोलता है, बल्कि यह भी बताता है कि *अगर कोई निष्पक्ष जांच हो जाए, तो जनपद सीईओ तक की भूमिका संदेह के घेरे में आ सकती है।*
*देवरी पंचायत का ये मामला अब सिर्फ एक पंचायत की बात नहीं रहा, ये सवाल बन चुका है—क्या जनता के हक के पैसे की लूट अब “नियम” बन चुकी है?और क्या अब भी कलेक्टर चुप रहेंगी?*



