धर्ममध्य प्रदेशमैहरराजनीतिराज्यलोकल न्यूज़

धार्मिक नगरी मैहर में 'गौवंश की कब्रगाह': न्यू अरकंडी बनी महामारी का अड्डा, नगरपालिका प्रशासन की अमानवीय और आपराधिक लापरवाही!

​प्रशासनिक अधिकारियों के झूठे आश्वासनों ने 'स्वच्छ मैहर' का सपना चकनाचूर कर दिया है।

धार्मिक नगरी मैहर में ‘गौवंश की कब्रगाह’: न्यू अरकंडी बनी महामारी का अड्डा, नगरपालिका प्रशासन की अमानवीय और आपराधिक लापरवाही!
​मैहर: आस्था और भक्ति की नगरी मैहर आज प्रशासनिक तंत्र की घोर उदासीनता और आपराधिक लापरवाही के कारण सड़कों पर पड़े गौवंश के क्षत-विक्षत शवों की बदबू में घुट रही है। न्यू अरकंडी स्थित डंपिंग यार्ड अब केवल कूड़े का ढेर नहीं, बल्कि प्रशासनिक विफलता का जीता-जागता स्मारक बन चुका है। गौवंश के शवों की सड़न से इलाके की हवा जहरीला गैस चैम्बर बन गई है, जिसके चलते नगरवासी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। यह सिर्फ स्वास्थ्य संकट नहीं है, यह मैहर के नागरिकों के जीवन के साथ किया गया घिनौना खिलवाड़ है। संपूर्ण मैहर जिले में कही भी मृत गौवंशों की सूचना के बाद नगर पालिका के लापरवाह लोग पहले तो गौवंशों के शव को कचरा गाड़ी में लाते है और फिर उन्हें भूमिगत दफनाने के बजाय डंपिंग यार्ड में कही भी फेंक के चले जाते है नतीजा यह है कि गौवंशों के साथ साथ अन्य जानवरों के शवो को कुत्ते और अन्य पशु पक्षी नोच रहे है जानवरों के शव सड़न फेंक रहे है जो गंभीर स्थिति निर्मित करते है क्या यही होता है जिला,
​प्रशासनिक अधिकारियों के झूठे आश्वासनों ने ‘स्वच्छ मैहर’ का सपना चकनाचूर कर दिया है।
​मैहर के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों ने ‘स्वच्छ मैहर’ और ‘स्वस्थ मैहर’ ( ग्रीन मैहर क्लीन मैहर ) का नारा देकर जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे। लेकिन आज हालात ये हैं कि शहर का सबसे संवेदनशील हिस्सा, जहां गौवंश के शवों का निपटान होना चाहिए, मौत और बीमारी का स्रोत बन गया है।
​यह लापरवाही नहीं, घोर प्रशासनिक अराजकता है!
​नगरपालिका प्रशासन ने गौवंश के शवों के वैज्ञानिक और त्वरित निपटान की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करने का वादा किया था। लेकिन सच्चाई यह है कि यह लापरवाही उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की अक्षमता और संवेदनहीनता को चीख-चीखकर बयां कर रही है। ये क्षत-विक्षत शव खुले में पड़े सड़ रहे हैं, मानो उन्हें फेंक कर प्रशासनिक मशीनरी ने अपनी जिम्मेदारियों से हमेशा के लिए मुंह मोड़ लिया हो। गौवंशों की दुर्दशा का जो नजारा मैहर की पावन धरा में देखने को मिल रहा है, इसकी उम्मीद मैहर की जनता को कभी न थी। यह कैसा विकास है जो जनता को बीमार और लाचार बनाकर मौत के मुँह में धकेल रहा है?
​गौवंश के अपमान का जिम्मेदार कौन?
प्रशासनिक तंत्र मौन क्यों?
​जिस गौवंश के सम्मान की बात की जाती है, उसे मैहर के प्रशासन ने बदबू और सड़ांध के बीच मरने के लिए छोड़ दिया। शव अपमान और विचलित करने वाले दृश्य गौवंशों के सड़ते मांस और हड्डियां जिनकी अव्यवस्था से गंभीर बीमारियां भी फैल रही हैं, प्रशासनिक अधिकारी मौन क्यों हैं?
​न्यू अरकंडी और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले सैकड़ों लोग त्वचा संक्रमण, टाइफाइड और गंभीर गैस्ट्रोएंटेराइटिस (उल्टी-दस्त) से पीड़ित हैं। यहां तक कि न्यू अरकंडी की एक डेढ वर्ष की मासूम बच्ची ब्लड कैंसर जैसी घातक बीमारी का शिकार हो चुकी है। यह बीमारियाँ गौवंश एवं अन्य जानवरों के सड़ते मांस से पैदा होने वाले कीटों और जीवाणुओं के कारण फैल रही हैं। प्रशासन की यह चुप्पी और निष्क्रियता सीधे-सीधे हत्या के प्रयास के समान है, जिस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
​स्थानीय महिला श्रीमती रंजना सिंह ने आक्रोश में कहा, “हमारे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को कोई फ़र्क नहीं पड़ता। चुनाव के समय जनप्रतिनिधि घर-घर आकर हाथ जोड़ते थे, अब शहर की सफाई के नाम पर पूरा प्रशासनिक तंत्र नदारद है। इस घोर विफलता के लिए उच्च अधिकारियों और कर्मचारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए!”
​तत्काल इस्तीफे और कठोरतम कार्रवाई की मांग
​पूर्व पार्षद प्रमोद सिंह के नेतृत्व में न्यू अरकंडी एवं नगर की जनता अब केवल सफाई नहीं, बल्कि इस घोर अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार नगरपालिका के उच्च प्रशासनिक नेतृत्व से जवाबदेही की मांग कर रही है।
​जिला प्रशासन को यह समझना होगा कि यह मामला केवल कूड़े का नहीं, बल्कि नगरपालिका नेतृत्व की पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी व्यवस्था और आपराधिक लापरवाही का है। मैहर की जनता मांग करती है कि:
​मैहर प्रशासन, विशेषकर नगर प्रशासक और संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी, अपनी आपराधिक नाकामी स्वीकार करें और जनता से बिना शर्त माफ़ी माँगे।
​समस्त सड़न और गंदगी को युद्धस्तर पर 24 घंटे के भीतर साफ किया जाए।
​इस भयानक स्वास्थ्य खतरे को नज़रअंदाज़ करने वाले और मैहर की छवि को धूमिल करने वाले उच्च प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर तत्काल निलंबन (Suspension) और कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
​यदि अगले 48 घंटों में प्रशासन द्वारा कोई ठोस और दृश्यमान कार्रवाई नहीं की जाती है, तो नगरवासी सड़कों पर उतरकर व्यापक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। धार्मिक नगरी को नरक बना चुके इस प्रशासनिक नेतृत्व को तुरंत पदमुक्त किया जाए और लापरवाह कर्मचारियों अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही को अमल में लिए जाना न्यायसंगत होगा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!