कथित रूप से दुबई भाग चुके कफ सीरप तस्करी के मुख्य सरगना कायस्थान प्रह्लाद घाट निवासी शुभम जायसवाल महमूरगंज स्थित राधिका इंटरप्राइजेज (दवा दुकान) में काम करता था
औषधि निरीक्षक जूनाब अली ने बताया कि 126 फर्म चिह्नित की जा चुकी हैं. जिनमें 39 फर्मों की गहन पड़ताल पूरी हो चुकी है

वाराणसी। कथित रूप से दुबई भाग चुके कफ सीरप तस्करी के मुख्य सरगना कायस्थान प्रह्लाद घाट निवासी शुभम जायसवाल महमूरगंज स्थित राधिका इंटरप्राइजेज (दवा दुकान) में काम करता था. उसने यहीं से दवा कारोबार का ककहरा सीखा, फिर दवा का अपना काम शुरू कर कफ सीरप का काला कारोबार किया और तस्करी का किंग बनकर उभरा . औषधि विभाग ने राधिका इंटरप्राइजेज और उसके अधिष्ठाता को भी केस में आरोपित बनाया है. कोरोना काल में शुरू हुआ कफ सीरप का काला कारोबार कारोना काल के दौरान दवा का कारोबार बूम पर था. उस समय शुभम राधिका इंटरप्राइजेज पर ही दवा का काम सीख रहा था. जहां उसे समझ आया कि दवा का धंधा सोने से कम नहीं है. इसमें और ज्यादा दिमाग लगाया जाए तो उसका बड़ा परिणाम आएगा. इसके बाद उसने रांची में फर्म खोली और कफ सीरप तस्करी का मायाजाल यूपी, झारखंड व पश्चिम बंगाल तक पहुंचा दिया. औषधि निरीक्षक जूनाब अली ने बताया कि 126 फर्म चिह्नित की जा चुकी हैं. जिनमें 39 फर्मों की गहन पड़ताल पूरी हो चुकी है, जिसमें 40 लोगों के नाम सामने आ गए हैं. शेष दवा फर्मों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं. लैब रिपोर्ट और कागजी दस्तावेजों की जांच में समय लग रहा है। कहा कि विभाग जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है, जिससे केस कमजोर हो जाए।




