गुढ़ क्षेत्र में एक बार फिर से खनन माफियाओं का रात के अंधेरे में चल रहा बुलडोजर, प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी अभिनगय
माघ के ठंड में भी माफिया को नहीं सता रही ठंडी, शीत के ओश में किसानों के खेतों की मेढ़ की मिट्टी से लेकर खेत तक खोद रहे

गुढ़ क्षेत्र में एक बार फिर से खनन माफियाओं का रात के अंधेरे में चल रहा बुलडोजर, प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी अभिनगय
माघ के ठंड में भी माफिया को नहीं सता रही ठंडी, शीत के ओश में किसानों के खेतों की मेढ़ की मिट्टी से लेकर खेत तक खोद रहे
✍🏻 krishna dwivedi
गुढ़। रीवा जिले की गुढ़ क्षेत्र में खनन माफिया का यह कोई पहला कारनामा नहीं है इसके पहले भी कई बार खनन माफिया कभी रात के अंधेरे में कभी ठंड के कोहरे में चोरी करने और खनन करने में पीछे नहीं रहते हैं इन्हें जब भी मौका मिलता है यह धरती को छलनी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। और चंद रुपए के फायदे के लिए किसी का भी नुकसान करने में आगे रहते है। आपको बता दें कि ग्राम पंचायत खैरा के खजवा पहाड़ी, चौड़ियार, हरदुआ, सोलर पावर प्लांट, बदबार के आसपास कई क्षेत्रों में यह खनन माफिया लकड़ी में लगे दीमक की तरह चारों तरफ मौके की तलाश में रहते हैं इन खनन माफियाओं ने पूर्व में दिलीप बिल्डकॉन का रखा हुआ कई हजारों टन चपड़ा भी रात की अंधेरे में पार कर आसपास के क्षेत्र में बेच दिया। और इनके पास एक नहीं दो से चार जेसीबी हर समय मौजूद रहती है जहां एक साथ कई ट्रैक्टर और डंपर में चोरी का माल रातों-रात भरकर गुढ़ क्षेत्र के अलावा आसपास में बिक्री के लिए भेज दी जाती है।
प्रशाशन के संज्ञान में खनन माफिया की करतूत, फिर भी अभिनग्य-:
जैसा कि आपको बता दिया जाए की गुढ़ क्षेत्र के आसपास में हो रही खनन माफिया पर गुढ़ के स्थानीय प्रशासन को भी जानकारी है। लेकिन चंद रुपयों में अपना दामन बेच चुके प्रशासनिक अधिकारी कभी भी खनन माफिया पर कार्रवाई नहीं करते बल्कि एक सुरक्षा कवच की तरह उन्हें अपना सहयोग प्रदान करते हैं। इसकी वजह से उन खनन माफिया की रात में हौसले और भी बुलंद हो जाते हैं। और वह फिर रात में चोरी छुपे जेसीबी के माध्यम से किसी की भूमि की मेड़ हो घर हो या फिर निजी भूमि हो उसे पर अपना जेसीबी का हंटर चलते हुए कई फिट मिट्टी, पत्थर की खुदाई कर रातों रात बेच देते हैं। क्योंकि इन खाना माफिया को प्रशासनिक अधिकारियों का पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त है। और यह रात में चोरी करते हैं और दिन में सफेद चोला पहनकर आम नागरिक के बीच ऐसे बैठते हैं जैसे पूरे गुढ़ विधानसभा में इनसे शरीफ कोई है ही नहीं जबकि सबसे बड़े चोर यही होते हैं। नाम ना बताने की शर्त पर कुछ ऐसे सफेद पोश नेता भी रात में खनन माफिया का काम कर रहे हैं। जहां स्थानीय लोगों ने उन्हें रात में चोरी करते हुए अपने कैमरे में भी कैद कर लिया है। लेकिन अब ऐसे खनन माफिया को सुधारने का वक्त आ गया है क्योंकि इन्हें प्रशासन से सहयोग प्राप्त है, न कि आम जनता से और ऐसे खनन माफिया जो रात में चोरी, दिन में नेतागिरी करते है उनका खुलासा भी अगले उसमें किया जा सकता है ?



