डीईओ कार्यालय में वर्षों से अटैच हैं आधा दर्जन शिक्षक
आठ वर्षों में कोई भी डी ई ओ ममता को मुक्त करने की हिम्मत नहीं जुटा सके स्कूलों में व्यवस्था हुई चौपट

डीईओ कार्यालय में वर्षों से अटैच हैं आधा दर्जन शिक्षक
आठ वर्षों में कोई भी डी ई ओ ममता को मुक्त करने की हिम्मत नहीं जुटा सके
स्कूलों में व्यवस्था हुई चौपट
शासन के बार-बार निर्देशों के बावजूद जिले का शिक्षा विभाग जिला मुख्यालय में ही शिक्षकों को नियम विरुद्ध तरीके से लंबे समय से संलग्न कर रखा है ।जिससे संबंधित विद्यालयों में अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है ।जबकि शासन के बार-बार निर्देश हैं की अंग्रेजी गणित एवं विज्ञान के शिक्षकों का संलग्नीकरण किसी भी हालत में ना किया जाए। किंतु लंबे समय से शिक्षकों का संलग्नीकरण यथावत जारी है। इतना ही नहीं कुछ शिक्षक तो वर्षों से नियम विरुद्ध तरीके से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच किए गए हैं।
जिन शिक्षकों को लंबे समय से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच रखा गया है , उनमें विज्ञान विषय की माध्यमिक शिक्षक ममता शुक्ला, इटहा कल के विज्ञान विषय के शिक्षक रमेश प्रताप सिंह के अलावा, रसायन शास्त्र विषय के सुधाकर तिवारी बदरांव , संतोष पटेल खुटहा तथा सुशीला पांडे रामपुर नई गढ़ी तीनों ही रसायन शास्त्र विषय के उच्च माध्यमिक शिक्षक हैं जिन्हें लंबे समय से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में संलग्न किया गया है। इसके अलावा रघुनाथगंज के प्राचार्य नवीन श्रीवास्तव को भी नियम विरुद्ध तरीके से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लंबे समय से अटैचमेंट पर कार्य कर रहे हैं। इनमें नवीन श्रीवास्तव को एडीपीसी, जबकि सुधाकर तिवारी को एपीसी के पद पर अटैच किया गया है।
बताया गया है कि लोक शिक्षण संचालनालय ने विधिवत आवेदन पत्र के साथ तीन नाम का पैनल एडीपीसी एवं एपीसी पद के लिए भेजने के निर्देश दिए थे। लेकिन बिना प्रक्रिया के नवीन श्रीवास्तव और सुधाकर तिवारी को एक वर्ष के लिए रिडिप्लॉयमेंट पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में संलग्न किया था ।किंतु तीन वर्ष से अधिक समय होने के बावजूद अभी भी संलग्नीकरण पर पदस्थ हैं । इसके अलावा संतोष पटेल उच्च माध्यमिक शिक्षक रसायन शास्त्र को विधि कार्यों में सहयोग के नाम पर संलग्न रखा गया है।जबकि धवैया प्राचार्य रामकृष्ण तिवारी विधि अधिकारी के रूप में पहले से ही पदस्थ हैं।
इसके अलावा रसायन शास्त्र विषय की उच्च माध्यमिक शिक्षक शिक्षिका सुशीला पांडे को रमसा में संलग्न रखा गया है।लोही में पदस्थ विज्ञान विषय की माध्यमिक शिक्षक ममता शुक्ला को लगभग 8 वर्ष से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आई टी सेल के नाम पर अटैच किया गया है।लेकिन उन्हें मुक्त करने की हिम्मत कोई भी डी ई ओ नहीं कर सके।कागजों में उन्हें कई बार मुक्त किया गया लेकिन ममता शुक्ला ने अब तक की अपनी पूरी सेवा ही डीईओ ऑफिस में बाबूगीरी करते बिता दी। इतना ही नहीं इटावा कला के माध्यमिक शिक्षक रमेश प्रताप सिंह को समान स्कूल में पुस्तक वितरण के नाम पर लंबे समय से अटैच किया गया है । जब रामकृष्ण तिवारी विधि अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं तो संतोष पटेल को विधि अधिकारी के नाम पर अटैच क्यों किया गया है । नवीन श्रीवास्तव के लंबे समय से जिला अधिकारी कार्यालय में अटैच होने के कारण की शैक्षिक व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है।
किंतु जिला शिक्षा अधिकारी आंख बंद करके अपने ही कार्यालय में लंबे समय से आधा दर्जन से अधिक शिक्षकों को संलग्न कर रखे हैं और आयुक्त लोक शिक्षण के निर्देश की बार-बार अहेलना कर रहे हैं ।संयुक्त संचालक लोग शिक्षण रीवा भी अटैचमेंट के इस खेल से अनजान बने हुए हैं ।बताया गया है कि अटैचमेंट की व्यवस्था चहेतों को उपकृत करने के लिए की गई है।




