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रीवा सांसद ने बच्चों को नहलाया, कपड़े धुले: पूर्व विधायक ने भी हाथ बंटाया, परिजनों से बोले जनार्दन- 'लड़िकन का निकहा केर साफ़ सुथरा करा फेर स्कूल भेजा करा'

सांसद जनार्दन मिश्रा ने बड़ागांव पंचायत में मुसहर समाज के बच्चों को नहलाया, नाखून काटे और गंदे कपड़े धोए, साथ ही उन्हें स्कूल भेजने की प्रेरणा दी।

रीवा सांसद ने बच्चों को नहलाया, कपड़े धुले: पूर्व विधायक ने भी हाथ बंटाया, परिजनों से बोले जनार्दन- ‘लड़िकन का निकहा केर साफ़ सुथरा करा फेर स्कूल भेजा करा’

सांसद जनार्दन मिश्रा ने बड़ागांव पंचायत में मुसहर समाज के बच्चों को नहलाया, नाखून काटे और गंदे कपड़े धोए, साथ ही उन्हें स्कूल भेजने की प्रेरणा दी।
रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने मंगलवार को बड़ागांव पंचायत में मुसहर समाज के बच्चों के लिए एक अनोखी पहल की। उन्होंने स्वयं  बच्चों को नहलाया, उनके नाखून काटे और गंदे कपड़े धोए। इस दौरान त्योंथर के पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने भी उनका साथ दिया। सांसद मिश्रा ने गांव की महिलाओं को यह समझाया कि बच्चों की नियमित सफाई और साफ कपड़े पहनना क्यों आवश्यक है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता बच्चों के स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सामाजिक विकास के लिए अहम है।

ग्रामीणों में स्वच्छता और शिक्षा की जागरूकता

सांसद मिश्रा ने बच्चों को नहलाते समय माता-पिता और ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छता और शिक्षा के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों को साफ-सुथरे रहकर स्कूल भेजने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं। मिश्रा ने ग्रामीणों को यह भी समझाया कि बच्चों के लिए स्वच्छता केवल नहाना या कपड़े धोना नहीं, बल्कि उनके स्वास्थ्य और सामाजिक विकास का हिस्सा है। इससे बच्चों में आत्म-सम्मान और शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ती है।

बच्चों को स्कूल भेजने की प्रेरणा

नहलाने और कपड़े धोने के बाद सांसद ने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार किया। उन्होंने माता-पिता से कहा कि बच्चों की पढ़ाई और स्वच्छता दोनों पर बराबर ध्यान दें। मिश्रा ने बताया कि जब बच्चे साफ-सुथरे होकर स्कूल जाएंगे, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और शिक्षा के महत्व को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। यह पहल बच्चों में नियमित स्कूल जाने की आदत डालने और शिक्षा की ओर प्रेरित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

पहले की स्वच्छता पहल और चर्चा

सांसद मिश्रा की यह पहल पहली बार नहीं है। इससे पहले भी उन्होंने स्वच्छता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई है और खुद हाथों से शौचालय साफ कर चुके हैं। ग्रामीणों ने उनके इस कदम को देखकर सराहा और कहा कि आमतौर पर सांसदों को इस रूप में नहीं देखा जाता। मिश्रा की यह पहल बच्चों और ग्रामीणों में शिक्षा और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रेरक साबित हुई।

लंबे समय में बच्चों पर प्रभाव

इस तरह की पहल बच्चों के जीवन में लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव डालती है। जब बच्चे नियमित रूप से साफ-सुथरे रहेंगे और स्कूल जाएंगे, तो उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और आत्मविश्वास बढ़ेगा। इससे उनके शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार होगा और समाज में शिक्षा की महत्ता को समझने में मदद मिलेगी। सांसद की इस पहल से यह संदेश भी जाता है कि शिक्षा और स्वच्छता दोनों साथ में चलती हैं और समाज के विकास के लिए जरूरी हैं।

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