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रीवा पंचायत विवाद, कमिश्नर तक पहुंचा मामला: कार्यपालन यंत्री ने वीडियो में कर्मचारियों पर लगाया था दलाली का आरोप, मचा हड़कंप

रीवा में कार्यपालन यंत्री एस.बी. रावत का वीडियो वायरल, जिला पंचायत अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप। सीईओ ने मांगा स्पष्टीकरण, अधिवक्ता ने जांच की मांग की।

रीवा पंचायत विवाद, कमिश्नर तक पहुंचा मामला: कार्यपालन यंत्री ने वीडियो में कर्मचारियों पर लगाया था दलाली का आरोप, मचा हड़कंप

रीवा में कार्यपालन यंत्री एस.बी. रावत का वीडियो वायरल, जिला पंचायत अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप। सीईओ ने मांगा स्पष्टीकरण, अधिवक्ता ने जांच की मांग की।

रीवा जिले में पंचायत विभाग से जुड़ा एक बड़ा विवाद सामने आया है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक-2 में पदस्थ कार्यपालन यंत्री एस.बी. रावत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में रावत ने जिला पंचायत अधिकारियों और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें “दलाल” बताया और कहा कि पैसे लेकर भ्रष्टाचार की फाइलें दबाई जाती हैं। वीडियो सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।

सीईओ ने मांगा जवाब | CEO Seeks Clarification

इस वीडियो के बाद जिला पंचायत सीईओ ने कार्यपालन यंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है। जारी पत्र में कहा गया है कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा फाइल दबाने का प्रमाण है तो नाम सहित जवाब प्रस्तुत किया जाए। अन्यथा माना जाएगा कि कार्यपालन यंत्री ने बिना सबूत के आरोप लगाकर कार्यालय की छवि खराब की है। सीईओ ने चेतावनी दी कि यदि समय पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।

सीईओ ने मांगा जवाब | CEO Seeks Clarification

इस वीडियो के बाद जिला पंचायत सीईओ ने कार्यपालन यंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है। जारी पत्र में कहा गया है कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा फाइल दबाने का प्रमाण है तो नाम सहित जवाब प्रस्तुत किया जाए। अन्यथा माना जाएगा कि कार्यपालन यंत्री ने बिना सबूत के आरोप लगाकर कार्यालय की छवि खराब की है। सीईओ ने चेतावनी दी कि यदि समय पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।

कार्यपालन यंत्री का जवाब | Engineer’s Response

कार्यपालन यंत्री एस.बी. रावत ने अपने जवाब और प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। हालांकि अब यह समयसीमा समाप्त हो चुकी है। ऐसे में विभागीय कार्रवाई की संभावना और बढ़ गई है। मामले को लेकर प्रशासनिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं और सवाल उठ रहे हैं कि क्या वाकई जिला पंचायत में इस तरह की अनियमितताएं हो रही हैं।

अधिवक्ता ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग | Advocate Demands High-Level Inquiry

मामले में अधिवक्ता बी.के. माला ने भी मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने संभागीय कमिश्नर को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। अधिवक्ता ने कहा कि वीडियो में दिए गए बयान न केवल गंभीर हैं बल्कि इन्हें कार्यकालीन समय में दिया गया और बाद में सार्वजनिक रूप से प्रसारित भी किया गया। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासनिक स्तर पर फाइलें वास्तव में पैसे लेकर दबाई जाती हैं।

अधिवक्ता के सवाल | Key Questions Raised by Advocate

अधिवक्ता माला ने अपने पत्र में कई बिंदु उठाए हैं – 1. क्या यंत्री के पास ऐसे तथ्यात्मक प्रमाण हैं जो आरोपों को साबित करते हों? 2. किन-किन फाइलों को पैसे लेकर दबाया गया और किन अधिकारियों की संलिप्तता रही? 3. यदि बयान सही साबित होते हैं तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए, अन्यथा यंत्री पर न्यायिक कार्रवाई हो।

अधिवक्ता का कहना है कि इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद न केवल जिला पंचायत रीवा की छवि धूमिल हुई है बल्कि आम जनता में भी शासन और प्रशासन को लेकर नकारात्मक धारणा बनी है। इसी वजह से उन्होंने ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच संभागीय कमिश्नर की निगरानी में कराने की मांग की है।

FAQ | अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: वीडियो में किस अधिकारी पर आरोप लगे हैं?
उत्तर: वीडियो में कार्यपालन यंत्री एस.बी. रावत ने जिला पंचायत अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाए हैं।

प्रश्न 2: सीईओ ने क्या कार्रवाई की है?
उत्तर: सीईओ ने कार्यपालन यंत्री से लिखित जवाब मांगा है और संतोषजनक स्पष्टीकरण न मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

प्रश्न 3: अधिवक्ता ने क्या मांग की है?
उत्तर: अधिवक्ता बी.के. माला ने संभागीय कमिश्नर को पत्र लिखकर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

प्रश्न 4: आगे क्या हो सकता है?
उत्तर: यदि कार्यपालन यंत्री सबूत पेश नहीं करते तो उन पर कार्रवाई होगी। लेकिन यदि आरोप सही साबित होते हैं तो दोषी अधिकारियों पर भी कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।

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