MP: 'गालियां समस्या नहीं', दिग्वियज सिंह बोले- PM मोदी भी देते हैं गाली, खुद को सनातनी कहते हैं, पर मां की...
बिहार में हुए गालीकांड के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश की असली समस्या गालियां नहीं, संविधान पर खतरा, वोट चोरी, महंगाई और बेरोजगारी हैं। मोदीजी खुद गाली देते हैं। लेकिन, इस पर कोई बात नहीं करता।

MP: ‘गालियां समस्या नहीं’, दिग्वियज सिंह बोले- PM मोदी भी देते हैं गाली, खुद को सनातनी कहते हैं, पर मां की…
बिहार में हुए गालीकांड के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश की असली समस्या गालियां नहीं, संविधान पर खतरा, वोट चोरी, महंगाई और बेरोजगारी हैं। मोदीजी खुद गाली देते हैं। लेकिन, इस पर कोई बात नहीं करता।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह गुरुवार को राजगढ़ जिले के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी की मां पर की गई अभद्र टिप्पणी समेत अन्य मुद्दों पर मीडिया से बात की। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश की असली समस्या गालियां नहीं हैं। पीएम नरेंद्र मोदी लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गालियों पर चर्चा करते हैं। देश की वास्तविक समस्याएं संविधान पर खतरा, वोट चोरी, चुनाव आयोग का पक्षपातपूर्ण रवैया, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे हैं। इनसे अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है।
माताजी के निधन पर मुंडन नहीं कराया’
दिग्विजय सिंह ने कहा कि गाली किसने दी है? क्या किसी कांग्रेस के कार्यकर्ता या नेता ने दी है? उन्होंने कहा कि मोदीजी खुद गाली देते हैं, लेकिन मीडिया ने आज तक उस पर कोई सवाल नहीं किया। पीएम ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को क्या-क्या नहीं कहा। मुख्य मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय चर्चा इस बात पर होती है कि पीएम मोदी क्या कहते हैं। प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत हमला करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदीजी अपने आपको सनातनी हिंदू कहते हैं। लेकिन, अपनी माताजी के निधन के बाद उन्होंने मुंडन नहीं कराया था।
शराबबंदी कोई विकल्प नहीं
शराबबंदी को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि शराब नीति स्पष्ट है। जिस मोहल्ले में दुकान है, वहां की 50 प्रतिशत महिलाएं अगर लिखित में शराब की दुकान का विरोध करती हैं तो उसे हटाने का प्रावधान है। पूरे देश में केवल दो राज्य गुजरात और बिहार में ही शराबबंदी है, लेकिन वहां भी शराब आसानी से उपलब्ध हो रही है। इसलिए शराबबंदी कोई विकल्प नहीं है। मेरा मानना है कि शराब का प्रचार-प्रसार अधिक नहीं किया जाना चाहिए। इसके वितरण पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।




