
बिहार में चुनाव आयोग ऐसे लोगों को भी वोटर लिस्ट में शामिल कर रहा है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है।.
हालात ये हैं कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जी जिनके श्राद्ध में गए थे, चुनाव आयोग ने उनका भी नाम वोटर लिस्ट में शामिल किया है।
साफ है कि वोटर लिस्ट जांच करने के नाम पर सत्ता में बैठे लोगों द्वारा खेल खेला जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी हो रही है।
क्या चुनाव आयोग कर रहा है धांधली? इस वीडियो में हम बिहार में मृतकों को वोटर लिस्ट में शामिल करने की समस्या पर चर्चा करेंगे। क्या यह सच है या महज अफवाह? जानिए इस मुद्दे की गहराई में जाकर।
🔍 *मुख्य बातें:*
– बिहार के चुनावी परिदृश्य पर एक नजर
– मृतकों के नाम मतदान सूची में कैसे आते हैं?
– चुनाव आयोग की भूमिका और जिम्मेदारियाँ
– क्या यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी है?
– आपको इस मुद्दे पर क्या करना चाहिए?
💡 *हमारी अपील:*
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🎥 *वीडियो में शामिल:*
– बिहार चुनाव का इतिहास
– मृतकों का चुनावी राजनीति में प्रयोग
– चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल
इस वीडियो में हम जानेंगे कि क्या सचमुच चुनाव आयोग द्वारा धांधली की जा रही है या यह एक राजनीतिक प्रोपगेंडा है। आइए, इस जटिल मुद्दे पर आपकी राय भी जानें। क्या आप सोचते हैं कि चुनाव आयोग को इस प्रकार के मामलों में कार्रवाई करनी चाहिए? अपनी प्रतिक्रिया हमें कमेंट में बताएं।
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ये समय है- बिहार के लोगों के जागरूक होने का और सरकार से सवाल पूछने का। इस चुपचाप की जा रही प्रक्रिया से साफ है कि दाल में कुछ काला है।
: AICC सचिव Pranav Jha जी
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