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जंगल में मिला युवक का शव, पेड़ में लटक रहा था: परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, सड़क पर शव रखकर किया चक्काजाम; मामला संदिग्ध

रीवा जिले के सेमरिया थाना क्षेत्र के अकौनी जंगल में 21 वर्षीय युवक का शव पेड़ से लटका मिला। परिजनों ने हत्या की आशंका जताकर बिरसिंहपुर-सेमरिया मार्ग पर चक्काजाम किया। पुलिस ने एक संदेही को हिरासत में लिया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है।

जंगल में मिला युवक का शव, पेड़ में लटक रहा था: परिजनों ने जताई हत्या की आशंका, सड़क पर शव रखकर किया चक्काजाम; मामला संदिग्ध

रीवा जिले के सेमरिया थाना क्षेत्र के अकौनी जंगल में 21 वर्षीय युवक का शव पेड़ से लटका मिला। परिजनों ने हत्या की आशंका जताकर बिरसिंहपुर-सेमरिया मार्ग पर चक्काजाम किया। पुलिस ने एक संदेही को हिरासत में लिया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है।

रीवा सेमरिया में 21 वर्षीय युवक की संदिग्ध मौत से बवाल, परिजनों ने हत्या का आरोप लगाकर किया चक्काजाम

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक बार फिर संदिग्ध मौत का मामला तनाव की वजह बन गया है। सेमरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत अकौनी जंगल में 21 वर्षीय युवक का शव पेड़ से लटका हुआ मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। परिजनों ने इस घटना को आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या बताते हुए सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने युवक का शव सड़क पर रखकर बिरसिंहपुर–सेमरिया मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया, जिससे आवागमन घंटों प्रभावित रहा।

अकौनी जंगल में मिला शव, मौत को लेकर ग्रामीणों ने उठाए सवाल

घटना की शुरुआत मंगलवार सुबह हुई, जब अकौनी जंगल में स्थानीय लोगों ने एक युवक का शव पेड़ से लटकता हुआ देखा। देखते ही देखते इसकी खबर गांव और आसपास के इलाके में फैल गई। युवक की पहचान 21 वर्षीय स्थानीय निवासी के तौर पर हुई। सूचना मिलते ही परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण जंगल की ओर पहुंच गए। मौके पर पहुंचकर परिजनों ने मौत को संदिग्ध बताते हुए साफ कहा कि यह साधारण आत्महत्या नहीं है और इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।

परिजनों ने सड़क पर रखकर किया चक्काजाम, आत्महत्या मानने से किया इंकार

घटना के कुछ समय बाद ही परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा सड़क पर दिखाई दिया। करीब साढ़े आठ बजे के आसपास आक्रोशित लोगों ने युवक का शव जंगल से उठाकर मुख्य सड़क पर रख दिया और बिरसिंहपुर–सेमरिया मार्ग को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी लगातार यह आरोप लगा रहे थे कि युवक की हत्या की गई है और इसे पेड़ पर टांगकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है। परिजनों का कहना था कि बिना निष्पक्ष जांच के मामले को आत्महत्या बताना उचित नहीं होगा। इस बीच सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई और आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कलेक्टर और एसपी को बुलाने की मांग, निष्पक्ष जांच पर अड़े रहे परिजन

चक्काजाम कर रहे परिजन और ग्रामीण कलेक्टर और रीवा एसपी को मौके पर बुलाने की मांग करते रहे। उनका कहना था कि जब तक उच्च अधिकारी मौके पर आकर निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई का भरोसा नहीं देंगे, तब तक जाम नहीं खोला जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं को अक्सर सामान्य आत्महत्या बताकर फाइल बंद कर दी जाती है, जबकि वास्तविक कारण सामने नहीं आ पाते। इसी अविश्वास की वजह से परिजन इस बार शुरुआत से ही कड़ा रुख अपनाए रहे।

भारी पुलिस बल तैनात, एक युवक संदेह के आधार पर हिरासत में

चक्काजाम की सूचना मिलते ही सेमरिया थाना पुलिस के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया, ताकि किसी तरह की अनहोनी या टकराव की स्थिति न बने। परिजनों के आरोपों और ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने एक युवक को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जाम हटाने से पहले लंबी बातचीत, अधिकारियों के आश्वासन के बाद माने परिजन

करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक चली कश्मकश और बातचीत के बाद आखिरकार प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों और ग्रामीणों को समझाइश दी। अधिकारियों ने खुलकर भरोसा दिलाया कि मामले की निरपेक्ष और निष्पक्ष जांच की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। लगातार समझाइश और कार्रवाई के आश्वासन के बाद परिजनों ने करीब सुबह 10 बजे के आसपास चक्काजाम खत्म करने का फैसला लिया और सड़क से शव को हटाया गया। इसके बाद धीरे-धीरे यातायात सामान्य होना शुरू हुआ, लेकिन लोगों के चेहरों पर नाराजगी और मायूसी साफ देखी जा रही थी।

एसडीओपी बोले – मामला संदिग्ध, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ होगी तस्वीर

एसडीओपी सिरमौर अनुभाग उमेश प्रजापति ने घटना पर जानकारी देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। उन्होंने बताया कि युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा। एसडीओपी के मुताबिक, पुलिस हर एंगल से तफ्तीश कर रही है – क्या यह आत्महत्या है, या किसी तरह की साजिश का परिणाम। उन्होंने कहा कि जैसे ही रिपोर्ट आएगी और जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इलाके में तनाव कम, लेकिन ग्रामीणों में अब भी आक्रोश और चिंता

अधिकारियों के आश्वासन के बाद भले ही चक्काजाम खत्म हो गया हो, लेकिन ग्रामीणों के मन में अब भी आक्रोश और चिंता बनी हुई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक 21 वर्षीय युवक जंगल में पेड़ से लटकता हुआ कैसे मिल गया और घटना से पहले क्या-क्या हुआ, इस पर पुलिस को स्पष्ट जवाब देना होगा। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि ऐसे मामलों में जांच धीमी रही या आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो क्षेत्र में अविश्वास और नाराजगी और बढ़ सकती है। फिलहाल पुलिस और प्रशासन दोनों ही शांति और भरोसा बनाए रखने की कोशिश में लगे हुए हैं।

कानूनी प्रक्रिया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण?

ऐसे मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट बेहद अहम दस्तावेज होती है, क्योंकि इसी के आधार पर यह तय होता है कि मौत का कारण क्या था – फांसी, दम घुटना, चोट, या कोई और वजह। रिपोर्ट में शरीर पर चोट के निशान, संघर्ष के संकेत या किसी तरह के जहर आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है। कानूनी रूप से पुलिस पहले प्राथमिक जांच करती है, परिजनों के बयान दर्ज करती है, फिर मेडिकल रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर ही आगे एफ़आईआर, धारा और गिरफ्तारी जैसी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है। इसी वजह से अधिकारी लगातार कह रहे हैं कि जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालने के बजाय तथ्यों पर आधारित जांच पर भरोसा किया जाए।

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