बारिश से हुई किसानों की तबाही धान की फसल हुई चौपट , किसानों के आंसू पोछने के लिए निकला कलेक्टर का आदेश सिर्फ कार्यालय तक ही सीमित हुआ...
कुछ किसान ऐसे भी हैं जो ब्याज में पैसा लेकर धान की खेती करवा रहे थे लेकिन बारिश की वजह से फसल नष्ट होने से पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं

बारिश से हुई किसानों की तबाही धान की फसल हुई चौपट ,
किसानों के आंसू पोछने के लिए निकला कलेक्टर का आदेश सिर्फ कार्यालय तक ही सीमित हुआ…
आपको बता दें कि इस वर्ष जितनी अच्छी धान की फसल थी उतने ही अच्छे तरीके से बारिश होने के कारण नष्ट हो गई है किसान अपने खेतों पर अपनी नष्ट पड़ी फसल को देखते हुए सर पटक रहा है , कुछ किसान ऐसे भी हैं जो ब्याज में पैसा लेकर धान की खेती करवा रहे थे लेकिन बारिश की वजह से फसल नष्ट होने से पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं।
इसी बीच किसानों के आंसू पोछने के लिए रीवा कलेक्टर ऑफिस से एक आदेश निकला था कि किसानों की खराब हुई फसल का मुआवजा किसानों को प्रदान किया जाएगा लेकिन आज दिनांक तक वह आदेश कलेक्टर कार्यालय के बाहर निकल ही नहीं है , जब कुछ किसानों ने इस संबंध में अपने हल्का पटवारी एवं तहसीलदार से मुआवजे की बात की तो उनका कहना है कि अभी तक कलेक्टर कार्यालय से ऐसा कोई आदेश हमें नहीं मिला है और ना ही हमें कोई गाइडलाइन बताई गई है इसलिए हम आपकी फसल का सर्वे नहीं कर सकते हैं।
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किसानों को फिर याद आए शिवराज मामा :- एक समय ऐसा था जब शिवराज सरकार थी तब किसानों का दर्द शिवराज सरकार का दर्द हुआ करता था वह दर्द मोहन सरकार में बिल्कुल भी देखने को नहीं मिल रहा है , किसान चीख रहा है , रो रहा है लेकिन उसकी व्यथा सुनने वाला कोई भी ना तो नेता है और ना ही कोई मसीहा है , चीखते हुए हर किसान आज यही कह रहा है कि हम अपना दर्द बताएं तो बताएं किस को ??? मोहन सरकार इस दर्द को न तो सुन पा रही है और ना ही किसानों के दर्द को समझ पा रही है , अगर इस सरकार को किसानों का दर्द समझ में आता है तो आज के मंत्री और विधायक किसानों के खेत में नष्ट हुई फसल को देखने जरूर जाते लेकिन आज दिनांक तक कोई भी नेता किसानों का हाल-चाल लेने तक नहीं पहुंचा है।



