मध्य प्रदेशराज्य

MP News: एमएसपी बढ़ाने का सीएम ने किया स्वागत, बोले-किसानों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने के केंद्रीय निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मध्यप्रदेश के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से देश में दाल उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

MP News: एमएसपी बढ़ाने का सीएम ने किया स्वागत, बोले-किसानों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने के केंद्रीय निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मध्यप्रदेश के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से देश में दाल उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि को स्वीकृति देने का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2026-27 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर अन्नदाताओं का हित संवर्धन किया है। इस निर्णय से मध्यप्रदेश के किसान बंधु भी बड़े पैमाने पर लाभान्वित होंगे। किसानों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही प्रतिबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि तुलनात्मक रूप से देखें तो गत वर्ष की तुलना में गेहूं में 160 रुपये, जौ में 170 रुपये, चना में 225 रुपये, मसूर में 300 रुपये, रेपसीड और सरसो में 250 रुपये की वृद्धि की गई है। सर्वाधिक वृद्धि कुसुम के लिए 600 रुपये प्रति क्विंटल हुई है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2026-27 के लिए गेहूं का एमएसपी 2585 रुपये करने का निर्णय लिया है। इसी तरह जौ का समर्थन मूल्य 2150 रुपये, चना का 5875 रुपये, मसूर का 7000 रुपये, रेपसीड और सरसों का 6200 रुपये और कुसुम का 6540 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से बढ़ेगा दाल का उत्पादन
मुख्यमंत्री ने कहा कि ”दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” की स्वीकृति का निर्णय भी किसान हित की दृष्टि से ऐतिहासिक है। वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक दाल उत्पादन 350 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए 11 हजार 440 करोड़ रुपये का निवेश भी किया जाएगा। किसानों को दालों की नवीनतम किस्मों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाएगा, इसके लिए 88 लाख नि:शुल्क बीज किट बांटे जाएंगे। फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने की रणनीति भी बनाई गई है, लगभग एक हजार प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित होंगी। आने वाले 4 साल में किसानों से तुअर, उड़द और मसूर की संपूर्ण फसल की खरीद सुनिश्चित की जाएगी।
टल निर्धारित किया है।

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