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MYH का चूहाकांड: अब राहुल गांधी हुए हमलावर, बोले- यह हत्या है, सुरक्षा नहीं दे सकते तो सरकार चलाने का क्या हक?

इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों द्वारा नवजातों की मौत पर बवाल मचा है। मानवाधिकार आयोग की कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम व सीएम को घेरते हुए इसे सरकारी लापरवाही बताया। नर्सिंग अधिकारी व अधीक्षक निलंबित हुए। भोपाल से जांच टीम पहुंची। अस्पताल प्रबंधन मौत को सामान्य बताने की कोशिश कर रहा है।

MYH का चूहाकांड: अब राहुल गांधी हुए हमलावर, बोले- यह हत्या है, सुरक्षा नहीं दे सकते तो सरकार चलाने का क्या हक?

इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों द्वारा नवजातों की मौत पर बवाल मचा है। मानवाधिकार आयोग की कार्रवाई के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम व सीएम को घेरते हुए इसे सरकारी लापरवाही बताया। नर्सिंग अधिकारी व अधीक्षक निलंबित हुए। भोपाल से जांच टीम पहुंची। अस्पताल प्रबंधन मौत को सामान्य बताने की कोशिश कर रहा है।

इंदौर के एमवाय अस्पताल में नवजातों को चूहों द्वारा कुतरने का मामला गर्माता जा रहा है। मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे लेकर सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने यहां तक कहा कि जब आप नवजात बच्चों की सुरक्षा तक नहीं कर सकते तो सरकार चलाने का क्या हक है।

बता दें कि इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में मंगलवार को एक नवजात की तो बुधवार को दूसरे नवजात की मौत हो गई थी। कारण था चूहे द्वारा नवजातों को कुतर लेना। हालांकि डॉक्टर अब भी मामले में पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, उनका कहना है कि बच्चों की हालत पहले से ही खराब थी। उनका वजन कम और सर्जरी की गई थी। बुधवार देर रात सहायक अधीक्षक मुकेश जायसवाल, प्रभारी नर्सिंग अधिकारी प्रवीणा सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजेश लाहोटी को नोटिस दिया गया है। इधर मामला सामने आने के बाद कांग्रेस लगातार हमलावर है। अब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने फेसबुक पर इसे लेकर लिखा है।

पीएम और सीएम पर सीधा हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा कि इंदौर में मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में दो नवजात शिशुओं की चूहों के काटने से मौत – यह कोई दुर्घटना नहीं, यह सीधी-सीधी हत्या है। यह घटना इतनी भयावह, अमानवीय और असंवेदनशील है कि इसे सुनकर भी रूह कांप जाए। एक मां की गोद से उसका बच्चा छिन गया, सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकार ने अपनी सबसे बुनियादी जिम्मेदारी नहीं निभाई। हेल्थ सेक्टर को जानबूझकर प्राइवेट हाथों में सौंपा गया – जहां इलाज अब सिर्फ अमीरों के लिए रह गया है, और गरीबों के लिए सरकारी अस्पताल अब जीवनदायी नहीं, मौत के अड्डे बन चुके हैं। प्रशासन हर बार की तरह कहता है – “जांच होगी” – लेकिन सवाल यह है – जब आप नवजात बच्चों की सुरक्षा तक नहीं कर सकते, तो सरकार चलाने का क्या हक़ है? PM मोदी और MP के मुख्यमंत्री को शर्म से सिर झुका लेना चाहिए। आपकी सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों से स्वास्थ्य का अधिकार छीन लिया है – और अब मां की गोद से बच्चे तक छिनने लगा है। मोदी जी, यह आवाज़ उन लाखों मां-बाप की तरफ से उठ रही है जो आज सरकारी लापरवाही का शिकार हो रहे हैं। क्या जवाब देंगे? हम चुप नहीं रहेंगे। ये लड़ाई हर गरीब, हर परिवार, हर बच्चे के हक़ की है।

भोपाल से आई टीम
चूहा कांड को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी उच्च अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। भोपाल से गुरुवार को चिकित्सा आयुक्त के साथ मामले की जांच करने टीम आई है। अफसरों ने एनआईसीयू का दौरा किया और पूरे मामले की जानकारी ली।

खरगोन ने रैफर होकर आया था नवजात
चूहों के काटने का शिकार होकर बुधवार को जिस नवजात की मौत हो गई। उसके माता पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पता चला है कि नवजात खरगोन से रैफर होकर आया था। अब अफसर परिजनों का पता लगाने में जुटे हैं। नवजात के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ है।

भोजन लाने पर पाबंदी
अस्पताल प्रबंधन इसे सामान्य मौत बताने में जुटा है। डाक्टर कह रहे हैं कि चूहे के काटने से मौत नहीं होती है। चूहाकांड सामने आने के बाद अब अस्पताल में रोगियों के परिजनों को वार्ड में भोजन लाने पर पाबंदी लगा दी गई है,जबकि अस्पताल में चूहे ठीक से सफाई न होने और गंदगी के कारण ज्यादा आते हैं। हालात यह है कि मेडिकल दवा के स्टोर रुम में भी चूहे नुकसान पहुंचाते है। कई बार दवाएं भी खा जाते हैं। कई चूहे तो बिल्ली के आकार के दिखाई देते हैं।

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