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रीवा शहर में बेकाबू कुत्तों का आतंक: अचानक कई लोगों को काटा, फिर तड़पकर हुई मौत

रीवा में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में एक कुत्ते ने बाजार में कई लोगों को काटकर दहशत फैला दी। इस घटना के बाद कुत्ते की तड़प-तड़पकर मौत हो गई, जिससे लोगों में डर का माहौल है।

रीवा शहर में बेकाबू कुत्तों का आतंक: अचानक कई लोगों को काटा, फिर तड़पकर हुई मौत

रीवा में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में एक कुत्ते ने बाजार में कई लोगों को काटकर दहशत फैला दी। इस घटना के बाद कुत्ते की तड़प-तड़पकर मौत हो गई, जिससे लोगों में डर का माहौल है।

रीवा शहर में कुत्तों का आतंक एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। रविवार दोपहर शहर के कलामंदिर के पास बाजार में एक पागल कुत्ते ने कई लोगों को काट लिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान कुत्ते ने एक ठेला चलाने वाले को भी निशाना बनाया। यह सब करने के बाद कुत्ता कुछ दूर जाकर गिर पड़ा और तड़प-तड़पकर मर गया। इस घटना के बाद बाजार में घंटों तक दहशत का माहौल रहा।.

त्ते के मरने के बाद लोगों में डर है कि कहीं उसके शरीर में कोई जानलेवा बीमारी तो नहीं थी, जिससे जहर फैल सकता है। जिन लोगों को कुत्ते ने काटा था, वे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। शहर में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन नगर निगम प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।.

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आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम बंद क्यों?

नगर निगम ने पहले आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए एक ठेका दिया था, जिसमें जबलपुर की एक कंपनी को हर महीने 18 लाख रुपये दिए जाते थे। इस ठेके के तहत कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी करनी थी और फिर उसी जगह छोड़ देना था। इससे कुत्तों की संख्या पर काबू पाया जा सकता था और उनका व्यवहार भी शांत होता। लेकिन इस ठेकेदार के काम पर शुरू से ही सवाल उठते रहे, जिसके चलते नगर निगम की बैठकों में पार्षदों ने लगातार शिकायतें कीं। आखिरकार, यह ठेका खत्म कर दिया गया। अब एक नई प्रक्रिया शुरू की जा रही है, लेकिन जब तक यह शुरू नहीं होती, शहर में कुत्तों को पकड़ने का कोई काम नहीं हो रहा है। यही वजह है कि शहर में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

जिस ठेला व्यवसायी को कुत्ते ने काटा था, मोहम्मद हनीफ, ने बताया कि वह अपने ठेले के पास खड़े थे तभी अचानक कुत्ता आया और उन पर हमला कर दिया। जब तक वह कुछ समझ पाते, कुत्ते ने उनके हाथ में काट लिया। हनीफ ने बताया कि वह कई लोगों को काट चुका था। हमने उसका मुंह बांधने की कोशिश की, लेकिन वह भाग गया और थोड़ी दूर जाकर गिर पड़ा। कुछ देर तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि शहर में कुत्तों पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है

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बच्चे की मौत के बाद भी नहीं जागा प्रशासन

यह पहली घटना नहीं है जब कुत्तों ने किसी को काटा हो। बीते जुलाई महीने में रीवा के नरेंद्र नगर में एक कुत्ते के काटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। मनगवां थाना क्षेत्र के पड़रिया गांव का रहने वाला 14 वर्षीय नितिन अपने रिश्तेदार के घर नरेंद्र नगर आया था। खेलते समय एक कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया और उसकी गर्दन पर काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया और आवारा कुत्तों की समस्या जस की तस बनी हुई है।

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