रीवा में प्राचीन दरगाह पर तोड़फोड़ और भगवा झंडा, Police तैनात
Rewa News: रीवा जिले में प्राचीन दरगाह पर असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ कर भगवा झंडा फहराया, तनाव के बाद भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

रीवा में प्राचीन दरगाह पर तोड़फोड़ और भगवा झंडा, Police तैनात
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक बड़ा धार्मिक विवाद सामने आया है। शुक्रवार रात (15 अगस्त 2025) को असामाजिक तत्वों ने सैकड़ों साल पुरानी दरगाह पर हमला किया और गुंबद पर भगवा झंडा फहरा दिया। इस घटना से पूरे इलाके में तनाव फैल गया और पुलिस को भारी बल के साथ तैनात करना पड़ा।
घटना का पूरा विवरण
रीवा के गुढ़ थाना क्षेत्र के गोर्गी गांव में यह दरगाह स्थित है। शुक्रवार देर रात कुछ अज्ञात लोगों ने दरगाह में घुसकर चबूतरे और सीढ़ियों को तोड़ दिया। इतना ही नहीं, दरगाह की मजार को भी उखाड़ फेंका गया और गुंबद पर धार्मिक झंडा फहराया गया।
रात के अंधेरे में घटना
यह पूरी घटना रात के अंधेरे में हुई ताकि किसी को इसकी भनक न लगे। लेकिन जैसे ही सुबह इसकी जानकारी फैली, स्थानीय लोग इकट्ठा होने लगे और विरोध प्रदर्शन करने लगे।
प्रशासन की कार्रवाई और पुलिस तैनाती
मामले की सूचना मिलते ही रीवा पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा। पुलिस ने हालात को काबू में किया और दरगाह में मरम्मत का काम शुरू करवाया। फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू की गई है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद भारी संख्या में लोग जमा हो गए। उनका कहना है कि यह घटना अमन-चैन बिगाड़ने की साजिश है। लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
मुफ्ती का बयान – अमन-चैन बिगाड़ने की कोशिश
शहर के काजी मुफ्ती मोहम्मद मुबारक अजहरी ने कहा –
“यह पहली बार हुआ है जब इस दरगाह को निशाना बनाया गया है। गाजी मियां की यह दरगाह हमेशा भाईचारे की प्रतीक रही है। यहां हर धर्म के लोग श्रद्धा से आते रहे हैं।”
गोर्गी शहर का इतिहास
इतिहासकारों के अनुसार, गोर्गी शहर की स्थापना नौवीं शताब्दी में चंदेल राजा करण देव ने की थी। इस शहर को मठ-मंदिरों का नगर भी कहा जाता है। राजा करण देव के सेनापति गाजी मियां की मौत के बाद उन्हें यहां दफनाया गया और उनकी याद में यह दरगाह बनाई गई।
धार्मिक महत्व और सामाजिक ताना-बाना
यह दरगाह न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि यह हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल भी रही है। पास में ही एक शिव मंदिर स्थित है, जिससे यह जगह दोनों समुदायों के बीच आस्था का प्रतीक बन गई है।




