रीवा में किसानों की समस्याओं को लेकर आम आदमी पार्टी का ज्ञापन, खाद की कमी और ब्लैक मार्केटिंग पर कार्रवाई की मांग
रीवा में डीएपी और यूरिया की कमी, ब्लैक मार्केटिंग, और आवारा पशुओं की समस्या को लेकर AAP ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। किसानों के लिए त्वरित समाधान की मांग।

रीवा में किसानों की समस्याओं को लेकर आम आदमी पार्टी का ज्ञापन, खाद की कमी और ब्लैक मार्केटिंग पर कार्रवाई की मांग
रीवा जिले में खेती-किसानी से जुड़े संकट लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे किसान हताश और परेशान हैं। खाद की भारी कमी, कालाबाज़ारी और आवारा पशुओं की समस्या ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इन गंभीर मुद्दों को लेकर अब राजनीतिक स्तर पर भी पहल शुरू हो गई है।
आम आदमी पार्टी ने सौंपा ज्ञापन
3 अगस्त 2025 को आम आदमी पार्टी (AAP) की रीवा जिला इकाई ने जिला कलेक्टर को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। जिला अध्यक्ष राजीव सिंह शेरा और किसान मोर्चा अध्यक्ष राणा सिंह तिवारी के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में किसानों की प्रमुख समस्याओं को उजागर किया गया और प्रशासन से त्वरित समाधान की मांग की गई।
खाद की कमी और कालाबाज़ारी
ज्ञापन के अनुसार, रीवा जिले में सरकारी गोदामों में डीएपी और यूरिया खाद पूरी तरह से खत्म हो चुकी है, जिसके कारण किसान भटकने को मजबूर हैं। इसका फायदा निजी व्यापारी उठा रहे हैं। डीएपी, जिसका सरकारी रेट ₹1350 प्रति बोरी है, उसे बाज़ार में ₹1700 से ₹1800 तक की कीमत पर ब्लैक में बेचा जा रहा है। यही नहीं, जहां कहीं खाद उपलब्ध है, वहां किसानों को ₹500 से ₹1000 तक का जिंक जबरन खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। खाद माफियाओं का यह जाल किसानों के हितों के खिलाफ है।
आवारा पशुओं का आतंक
खाद की समस्या के साथ-साथ, रीवा जिले के किसान आवारा पशुओं से भी परेशान हैं। आवारा गाय और बैल फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, जिसके कारण किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए रात भर खेतों में जागने को मजबूर हैं। इन परेशानियों के बावजूद, किसान अपनी समस्याएं प्रशासन तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की प्रमुख मांगें
AAP ने कलेक्टर से जल्द से जल्द डीएपी और यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने, ब्लैक में खाद बेचने वाले व्यापारियों के लाइसेंस रद्द करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा, ज्ञापन में सरकारी गोदामों के खाली होने की जांच के लिए एक टीम गठित करने और खाद खरीदने वालों की वैधता की जांच करने की भी मांग की गई है।
आम आदमी पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तो किसानों के साथ मिलकर बड़ा धरना प्रदर्शन और आंदोलन किया जाएगा। किसानों की इस वर्तमान स्थिति पर ध्यान देना न केवल उनके हित के लिए, बल्कि खाद्यान्न सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।




