क्राइममध्य प्रदेशमैहरराज्यरीवालोकल न्यूज़

रीवा मानवता शर्मसार: जीवन बचाने वाली एम्बुलेंस से हो रही थी तम्बाकू की तस्करी

रीवा संभाग के मैहर जिले से एक बेहद शर्मनाक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया

रीवा संभाग मानवता शर्मसार: जीवन बचाने वाली एम्बुलेंस से हो रही थी तम्बाकू की तस्करी

मध्य प्रदेश : रीवा संभाग के मैहर जिले से एक बेहद शर्मनाक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.जिस वाहन का उपयोग जीवन बचाने और मरीजों को अस्पताल तक पहुँचाने के लिए होना चाहिए था, उसका इस्तेमाल गुटखा, सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादों को बेचने के लिए किया जा रहा था.इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

पूरा मामला तब सामने आया जब स्थानीय युवाओं ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया.उन्होंने देखा कि एक एम्बुलेंस, जिस पर स्वास्थ्य विभाग का स्पष्ट लोगो लगा हुआ था, अंदर से एक चलती-फिरती दुकान में बदल दी गई थी.इस एम्बुलेंस में जीवनरक्षक उपकरणों की जगह गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और अन्य नशीले पदार्थ भरे हुए थे, जिन्हें खुलेआम बेचा जा रहा था.यह न सिर्फ सरकारी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह एक तरह का आपराधिक कृत्य भी है जो जन स्वास्थ्य को सीधे तौर पर नुकसान पहुँचाता है.

यह फोटो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया.आम जनता ने इस भ्रष्टाचार पर अपना गुस्सा जाहिर किया.लोगों का कहना था कि जब सरकारी विभाग खुद ही इस तरह के अवैध धंधों में शामिल हैं, तो आम आदमी कहाँ जाए? यह घटना नागरिक निगरानी और सोशल मीडिया की शक्ति को भी दर्शाती है, जिसने इस अवैध गतिविधि को उजागर किया, जबकि शायद सरकारी तंत्र इसे नज़रअंदाज़ कर देता.

आश्चर्य की बात यह है कि फोटो वायरल होने के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग या स्थानीय प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. यह साफ दिखाई दे रहा है कि यह वाहन स्वास्थ्य विभाग का है, फिर भी अधिकारी इस मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

जिम्मेदारियों से बचने के लिए इसे एक ‘निजी एम्बुलेंस’ का नाम दिया जा रहा है, जो अधिकारियों की निष्क्रियता और उदासीनता को दर्शाता है.यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है जब हम सोचते हैं कि जिस विभाग पर लोगों की सेहत की जिम्मेदारी है, वही विभाग स्वास्थ्य को हानि पहुँचाने वाले उत्पादों के गैर-कानूनी कारोबार में लिप्त है.

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किस हद तक हो रहा है.यह मामला सिर्फ मैहर का नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में व्याप्त व्यवस्थागत भ्रष्टाचार की एक बानगी है.जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती और जवाबदेही तय नहीं की जाती, तब तक ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!