*"कोरेक्स का कारोबार जारी, पुलिस-आबकारी की जेबें भारी?"*
सिस्टम की चुप्पी में घुल रहा है। कोरेक्स जैसी प्रतिबंधित सिरफ खुलेआम बेची जा रही है

*”कोरेक्स का कारोबार जारी, पुलिस-आबकारी की जेबें भारी?”*
सिस्टम की चुप्पी में घुल रहा है। कोरेक्स जैसी प्रतिबंधित सिरफ खुलेआम बेची जा रही है
मऊगंज जिले की ग्राम पंचायत सीतापुर में नशे का ज़हर बोतल में नहीं, सिस्टम की चुप्पी में घुल रहा है। कोरेक्स जैसी प्रतिबंधित सिरफ खुलेआम बेची जा रही है और सबसे हैरानी की बात – पुलिस और आबकारी विभाग सबकुछ जानते हुए भी खामोश हैं।
👉 यही वो आरोपी है जिसे पहले आबकारी विभाग ने पकड़ने के बाद 50,000 के लेन-देन में छोड़ दिया था। अब फिर से वही शख्स गांव में मौत का सामान बेच रहा है और पुलिस मूकबधिर बनी है।

युवा पीढ़ी नशे में झोंकी जा रही है, गांव की गलियां नशे का अड्डा बनती जा रही हैं और जिन पर कार्रवाई की ज़िम्मेदारी है, उनकी जेबें शायद पहले ही “भर” चुकी हैं।
*क्या पुलिस और आबकारी विभाग इस बार भी सौदा कर बैठेंगे? या इस बार जनता जवाब लेगी?*
🟥 अब सवाल पूछने का वक्त है –
*”नशा कौन बेच रहा है और उसे बचा कौन रहा है?”




