बर्दी के पीछे जब गुड्डा तो देखिए "भास्कर मिश्रा की नजरबंदी के बाद पुलिस लाइन में एक महिला के
किसी महिला के साथ बल प्रयोग, गिरफ्तारी या छूने की स्थिति में, केवल महिला पुलिसकर्मी ही अधिकृत होती है।

बर्दी के पीछे जब गुंडे तो देखिए “भास्कर मिश्रा की
नजरबंदी के बाद पुलिस लाइन में एक महिला के ऊपर पुरुष पुलिसकर्मी द्वारा धक्केबाज़ी की गई, जबकि मौके पर एक महिला पुलिस भी मौजूद थी और बैढ़न टीआई भी वहीं थे” – यह न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि पुलिस व्यवस्था में गंभीर लापरवाही भी दर्शाता है।
⚖️ कानूनी स्थिति क्या कहती है?
1. CrPC की धारा 46(4) स्पष्ट रूप से कहती है कि:
किसी महिला के साथ बल प्रयोग, गिरफ्तारी या छूने की स्थिति में, केवल महिला पुलिसकर्मी ही अधिकृत होती है।
पुरुष पुलिसकर्मी का महिला से इस प्रकार का व्यवहार, विशेष रूप से धक्का-मुक्की, अवैध और अनुचित है।
2. यदि महिला पुलिसकर्मी मौजूद थी और फिर भी पुरुष पुलिसकर्मी ने हस्तक्षेप किया, तो यह कानून और कार्यप्रणाली (protocol) दोनों का उल्लंघन है।
3. बैढ़न टीआई की उपस्थिति में यह घटना हुई है, तो यह घटना उनके निगरानी कर्तव्य की विफलता दर्शाती है।




